8th central pay commission: देशभर के लाखों सरकारी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। केंद्र सरकार जल्द ही 8वें वेतन आयोग को लागू करने की तैयारी में है। पिछले कई दिनों से कर्मचारी इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे थे और अब उनका यह इंतजार खत्म होने वाला है। इस वेतन आयोग के लागू होने के बाद कर्मचारियों की सैलरी में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। साथ ही उन्हें कई अन्य भत्तों का भी लाभ मिलेगा और ग्रेच्युटी में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
7वें वेतन आयोग से तुलना: कितना था पहले का वेतन
केंद्र सरकार ने 7वें वेतन आयोग का गठन फरवरी 2014 में किया था और इसे जनवरी 2016 में लागू किया गया था। इस वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों की सैलरी में काफी अच्छा इजाफा हुआ था। छठे वेतन आयोग में जहां कर्मचारियों को न्यूनतम सैलरी के रूप में 7,000 रुपये मिलते थे, वहीं 7वें वेतन आयोग ने इसे बढ़ाकर 18,000 रुपये कर दिया था। इसके अलावा पेंशनरों की पेंशन में भी 23.66 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई थी।
7वें वेतन आयोग के तहत वर्तमान में कर्मचारियों को 53 प्रतिशत के हिसाब से महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। जनवरी 2026 तक इसमें और वृद्धि होकर यह 59 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा।
8वें वेतन आयोग में मिलेगी कितनी बेसिक सैलरी
महंगाई भत्ते के 59 प्रतिशत हो जाने पर कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी बढ़कर 28,620 रुपये हो जाएगी। अब अगर सरकार 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर को 2.57 के हिसाब से निर्धारित करती है, तो कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी बढ़कर 46,620 रुपये हो जाएगी। इस प्रकार 8वें वेतन आयोग के बाद कर्मचारियों की सैलरी में लगभग 38 प्रतिशत तक की वृद्धि देखने को मिल सकती है।
उच्च पदों पर कार्यरत अधिकारियों के वेतन में भी अच्छी-खासी वृद्धि होगी। वर्तमान में 7वें वेतन आयोग के तहत सेक्रेटरी लेवल के अधिकारियों को बेसिक सैलरी के रूप में 2.5 लाख रुपये मिलते हैं। 8वें वेतन आयोग में अगर फिटमेंट फैक्टर 2.57 रहता है, तो इन अधिकारियों की सैलरी बढ़कर 6.4 लाख रुपये (250000×2.57) तक पहुंच जाएगी।
पेंशन में भी होगी उल्लेखनीय वृद्धि
8वें वेतन आयोग से सिर्फ सेवारत कर्मचारियों को ही नहीं, बल्कि पेंशनरों को भी बड़ा फायदा होगा। 7वें वेतन आयोग के लागू होने पर रिटायर्ड केंद्रीय कर्मचारियों की पेंशन में लगभग 23.66 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। छठे वेतन आयोग में यह वृद्धि 14 प्रतिशत थी। 8वें वेतन आयोग में पेंशन को लगभग 34 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है।
उदाहरण के तौर पर, अगर किसी रिटायर्ड केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी 50,000 रुपये थी और उसे 25,000 रुपये प्रति माह पेंशन मिल रही है, तो 8वें वेतन आयोग के तहत इसमें 34 प्रतिशत की वृद्धि होगी। इस प्रकार पेंशनर की पेंशन बढ़कर 33,500 रुपये (25,000 + 8,500) हो जाएगी। यह वृद्धि पेंशनरों के लिए महंगाई से राहत का कारण बनेगी।
ग्रेच्युटी में भी होगा फायदा
नए वेतन आयोग के लागू होने पर कर्मचारियों की सैलरी के साथ-साथ ग्रेच्युटी पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। ग्रेच्युटी वह राशि है जो रिटायरमेंट या एक निश्चित अवधि के बाद नौकरी छोड़ने पर दी जाती है।
वर्तमान में जिन कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है और वे 30 साल नौकरी करते हैं, उन्हें लगभग 4.89 लाख रुपये की ग्रेच्युटी मिलती है। अब अगर फिटमेंट फैक्टर को 2.57 के हिसाब से कैलकुलेट किया जाए, तो यह राशि बढ़कर 12.56 लाख रुपये (4.89×2.57) हो जाएगी। ग्रेच्युटी की गणना (अंतिम बेसिक सैलरी) x (15/26) x (सेवा के वर्षों की संख्या) के आधार पर की जाती है।
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वर्तमान में ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 30 लाख रुपये तय की गई है। अगर सरकार इसमें कोई वृद्धि नहीं करती है, तो यह सीमा यथावत रहेगी।
8वें वेतन आयोग का महत्व और प्रभाव
8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारियों के जीवन स्तर में सुधार आएगा। वेतन वृद्धि से उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी, जिससे वे अपने परिवार को बेहतर जीवन स्तर प्रदान कर पाएंगे। साथ ही महंगाई के इस दौर में यह वृद्धि उनके लिए बड़ी राहत लेकर आएगी।
पेंशनरों को भी इस वेतन आयोग से बड़ा फायदा होगा। पेंशन में वृद्धि से वे अपने रिटायरमेंट के बाद के जीवन को आर्थिक रूप से अधिक सुरक्षित और आरामदायक बना पाएंगे।
8वें वेतन आयोग की घोषणा से सरकारी कर्मचारियों में उत्साह का माहौल है। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि उनका मनोबल भी बढ़ेगा, जिससे वे अपने कार्य को और अधिक समर्पण और लगन से करेंगे।
इस प्रकार 8वां वेतन आयोग सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है, जिसकी वे लंबे समय से प्रतीक्षा कर रहे हैं।